न्यूज डेस्क, न्यूज राइटर, 06 मई, 2023
रायपुर। चक्रवात मोका की तेजी हर बदलते दिन के साथ बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आज (शनिवार) 6 मई को रात साढ़े आठ बजे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनेगा। इसी को देखते हुए IMD ने अगले पांच दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है।
चक्रवात की वजह से नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल में छिटपुट बौछारें और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। वहीं, जो लोग बंगाल की खाड़ी के मध्य में हैं, उन्हें 9 मई से पहले वापस जाने की सलाह दी गई है। 8-12 मई के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा जहाजों से सामान जाने के काम पर भी लगा दी गई है।
आज से दिखेगा तूफान का असर
IMD के Alert के मुताबिक, दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर 6 मई को चक्रवात का असर दिखने लगेगा। 7 मई को यहां हवा के कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। 8 मई को यह उत्तर दिशा में मध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ बढ़ते हुए चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। चक्रवाती तूफान के रास्ते और उसकी तीव्रता के बारे में ज्यादा जानकारी 7 मई को पता चलेगी।
अगले पांच दिनों के लिए अलर्ट
7 और 8 मई को अंडमान-निकोबार में ज्यादातर जगह हल्की बारिश होगी।
कुछ जगहों पर भारी से तेज भारी बारिश होने की संभावना भी है।
40-50 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
10 मई की यह रफ्तार 80 किमी/घंटा पहुंच सकती है।
मौसम विभाग (IMD) ने दी सलाह
7 मई से मछुआरों, छोटे जहाज, नावों और ट्रेवलर को दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी से दूर रहने की सलाह दी गई है।
जो लोग यहां है वे 7 मई से पहले सुरक्षित जगहों पर पहुंच जाएं।
टूरिजम, शिपिंग और अन्य गतिविधियों को 8-11 मई तक रेगुलेट करने की सलाह दी गई है।
इंडिया से लेकर म्यांमार तक असर
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चक्रवाती तूफान का संभावित रास्ता पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों की ओर हो सकता है। तूफान का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक पड़ सकता है। तमिलनाडु में इसकी वजह से बारिश बढ़ने की संभावना नहीं है। 10 मई से तमिलनाडु में तापमान बढ़ सकता है। ओडिशा राज्य सरकार ने 18 तटीय और आसपास के जिलों को सतर्क कर दिया है।
पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक हो सकता है असर
दरअसल अंतरराष्ट्रीय मौसम वैज्ञानिकों (IMD) ने मई के दूसरे सप्ताह में चक्रवात तूफान आने की आशंका जताई है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस सप्ताह के अंत तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि कम दबाव के चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका प्रबल है। इस चक्रवात का असर पूर्वी भारत से लेकर बांग्लादेश और म्यांमार तक रहने के आसार हैं।
‘मोका’ नाम क्यों
अगर आधिकारिक तौर पर पुष्टि की जाती है तो विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) और एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) के सदस्य देशों की ओर से अपनाई जाने वाली नामकरण प्रणाली के तहत चक्रवात का नाम ‘मोचा’ (Mocha) होगा। यमन ने लाल सागर तट पर एक बंदरगाह शहर ‘मोचा’ के नाम पर इस चक्रवात के नाम का सुझाव दिया था। चक्रवात को लेकर IMD की भविष्यवाणी के बाद ओडिशा के CM नवीन पटनायक ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों से किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा।